24.7 C
Chhattisgarh
Thursday, June 26, 2025

भाषाएं और माताएं अपनी संतानों से सम्मानित होती हैं- प्रो.संजय द्विवेदी

विश्व पुस्तक मेले में बोले आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक

भोपाल, 7 फरवरी । भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रो.संजय द्विवेदी का कहना है कि भाषाएं और माताएं अपनी संतानों से ही सम्मानित होती हैं। इसलिए भारतीय भाषाओं को सम्मान दिलाने हमें ही आगे आना होगा।

वे नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा आयोजित विश्व पुस्तक मेला, दिल्ली में व्याख्यान दे रहे थे। भारत मंडपम के थीम पवेलियन के हाल नंबर -5 में आयोजित कार्यक्रम में प्रो.द्विवेदी ‘राजभाषा हिंदी: अनुप्रयोग के विविध आयाम ‘ विषय पर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम में प्रख्यात व्यंग्यकार सुभाष चंदर, लेखक और तकनीकविद् बालेंदु शर्मा दाधीच, उपन्यासकार अलका सिन्हा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन ललित लालित्य ने किया। इस मौके पर एनबीटी के मुख्य संपादक कुमार विक्रम ने अतिथियों का स्वागत किया।

प्रो.द्विवेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक स्तर पर हिंदी को पहचान दिलाई है तो राजभाषा के क्रियान्वयन में गृहमंत्री अमित शाह पूरी संकल्प शक्ति से जुटे हैं। यह समय सभी भारतीय भाषाओं के लिए भी अमृतकाल है। इस अवसर का लाभ उठाकर हम अपनी भाषाओं को न्याय दिला सकते हैं। उन्होंने कहा औपनिवेशिक सोच ने भारतीय भाषाओं और भारतीय मानस की स्वतंत्र चेतना पर गहरा प्रभाव छोड़ा है। इससे मुक्ति के लिए सामाजिक आंदोलन की जरूरत है। जिसमें सरकार और समाज मिलकर काम करें। उन्होंने कहा कि भारत स्वभाव से बहुभाषी है इसलिए हमें बहुभाषी और सब भाषाओं को प्रोत्साहित करने वाला वातावरण बनाने की जरूरत है। सभी भारतीय भाषाओं को साथ लेकर चलने से ही हम चुनौतियों का मुकाबला कर सकेंगे।
कार्यक्रम में साहित्यकार रिंकल शर्मा, पत्रकार मुकेश तिवारी (इंदौर), अर्पण जैन उपस्थित रहे।

Latest news
Related news