दिल्ली 07 जुलाई 2025। केंद्र सरकार द्वारा बिहार की रेलवे संरचना को आधुनिक और सुविधा-सम्पन्न बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में आज भारत सरकार में रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के कैबिनेट मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने बिहार के समस्तीपुर मंडल स्थित कर्पूरीग्राम स्टेशन परिसर में कई महत्त्वपूर्ण योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया।
इस अवसर पर वैष्णव ने सबसे पहले दीघा ब्रिज हॉल्ट का निरीक्षण कर वहां यात्री सुविधा, संरक्षा, साफ-सफाई, प्लेटफॉर्म की स्थिति, पेयजल, रोशनी एवं सुरक्षा व्यवस्थाओं का गहन जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी यात्रियों को आधुनिक और सुरक्षित रेल अनुभव प्रदान करना प्राथमिकता होनी चाहिए।
इसके उपरांत रेल मंत्री ने कर्पूरीग्राम स्टेशन परिसर में ₹3.30 करोड़ की लागत से होने वाले स्टेशन उन्नयन कार्यों का शिलान्यास किया। इसके अंतर्गत स्टेशन भवन का आधुनिकीकरण, प्रतीक्षालय, शौचालय, डिजिटल सूचना प्रणाली, पेयजल सुविधा, दिव्यांगजनों के लिए रैम्प एवं अन्य यात्री सुविधा कार्य किए जाएंगे। उन्होंने कर्पूरीग्राम स्टेशन पर यात्री सुविधा से जुड़ी कई नवनिर्मित सुविधाओं का उद्घाटन भी किया।
रेल मंत्री श्री वैष्णव ने इसके पश्चात कर्पूरीग्राम और खुदीराम बोस पूसा स्टेशनों के बीच स्थित समपार फाटक संख्या 59 ‘C’ पर ₹14.0 करोड़ की लागत से बनने वाले अंडरग्राउंड रेलवे सब-वे के निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया। उन्होंने कहा कि यह अंडरग्राउंड रेलवे सब-वे के निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद स्थानीय वाहन यातायात को बड़ी राहत देगा और ट्रेनों की सुचारू आवाजाही में भी मदद मिलेगी, जिससे संरक्षा में वृद्धि होगी।
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 11 वर्षों में भारतीय रेलवे द्वारा 33,000 किलोमीटर नई रेल लाइनें बिछाई गई हैं, जो पूर्ववर्ती सरकारों की तुलना में कई गुना अधिक है। यह कार्य न केवल बुनियादी ढांचे को मजबूत करता है, बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति देता है।
रेल मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार बिहार जैसे राज्यों को ‘विकसित भारत’ की परिकल्पना में भागीदार बनाने हेतु प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर राज्य मंत्री (कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय) श्री रामनाथ ठाकुर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधि, रेलवे अधिकारी, और बड़ी संख्या में आम नागरिकों की उपस्थिति रही।