रायपुर। माना स्थित जैनम भवन में विश्व विख्यात कथा वाचक रमेश भाई ओझा ने कहा प्रत्येक व्यक्ति को शांति और समाज को क्रांति चाहिए , यह दोनों प्रदान करने वाला श्रीकृष्ण का चरित्र है। शांति के वातावरण में समाज, परिवार, राष्ट्र को उन्नति प्राप्त होता है। वहीं समय-समय पर समाज में बदलाव के लिए क्रांति भी आवश्यक है। ऐसा करने के लिए साधु संत, नेता, युग पुरूष समय के साथ प्रगट होते हैं।
उन्होंने कहा कि कृष्ण के चरित्र में ऐसा जादू है कि व्यक्ति को शांति और समाज को क्रांति प्रदान करता है। वे अंधपरम्परावादी भी नहीं, आवेश में परम्परा का भंजन करने वाले भी नहीं बल्कि उपयोगी व अच्छी बदलाव बताते हैं। श्रीकृष्ण जगतगुरु है, श्रीकृष्ण के समान कोई राजनीतिज्ञ नहीं, कलाकार नहीं, धर्मज्ञ नहीं, कुरुक्षेत्र के मैदान में किए गायन श्रीमद्भागवत कथा बन गया। श्रीकृष्ण लोगों में आस्था का संस्थापन करते हैं। भगवान व भाग्य के भरोसे जीना भी गलत हैं,पहले कर्म तो करो। हालांकि होगा देव कृपा से ही इसलिए पुरुषार्थ तो करो।