चार दिवसीय राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन एवं रिट्रीट का शुभारंभ,,,,संवाद से निकालें संकटों का समाधान: प्रो.संजय द्विवेदी
माउंट आबू/राजस्थान। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के ज्ञान सरोवर परिसर में आयोजित चार दिवसीय राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन एवं रिट्रीट का शुभारंभ किया गया। नई सामाजिक व्यवस्था के लिए दृष्टि और मूल्य- मीडिया की भूमिका विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में देशभर से प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, रेडियो और वेब मीडिया से जुड़े संपादक और पत्रकार भाग लेने पहुंचे हैं।
शुभारंभ पर राजस्थान के जनजातीय क्षेत्रीय विकास एवं गृह रक्षा विभाग कैबिनेट मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि आज नेता कुर्सी पाने के लिए और सत्ता में आने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। नेताओ का नैतिक स्तर का गिरना चिंता का विषय है। हम उस महान संस्कृति से आते हैं जहां भरत जैसे राजा हुए जिन्होंने 14 बरस अपने बड़े भाई श्रीराम के पैरो की खड़ाऊ रख कर शासन चलाया। आज लोग पैसे कमाने के लिए किसी भी स्तर पर जाने को तैयार हैं। फिर से राम राज्य आएगा इसे कोई रोक नहीं सकता है। इसमें मीडिया को अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
हमें मिलकर राम राज्य लाना है-
अंतरराष्ट्रीय प्रेरक वक्ता बीके शिवानी दीदी ने कहा कि हमें मिलकर रामराज्य लाना होगा। इसके लिए एक- एक को संकल्प करना होगा। हमारे संस्कारों से ही रामराज्य और रावण राज्य बनता है। संस्कारों से संसार बनता है। यदि हमारे संस्कार दिव्य, पवित्र होगे तो रामराज्य आएगा। हमें आग लगाने वाली नहीं आग बुझाने वाली चिड़िया बनना है। हमें समाज को नई दिशा देने वाला पत्रकार बनना है। हमें अपने संस्कारों को दिव्य बनाकर स्वर्णिम संसार लाना है। इसमें हर एक को अपनी सहभागिता निभानी है।
पत्रकारिता का ध्येय है लोकमंगल –
भारतीय जनसंचार संस्थान के पूर्व महानिदेशक और जाने माने मीडिया गुरु प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि आज नारद जयंती है। उन्हें हम प्रथम संचारक कहते हैं। संचारक कभी एक स्थान पर नहीं रहते। उनका काम है लोक मंगल। उन्हें सभी प्यार करते हैं। उनकी प्रामाणिक दृष्टि थी, ऐसी ही दृष्टि पत्रकार की होनी चाहिए। पत्रकारिता किसके लिए, कैसी होनी चाहिए यह बात यहां ब्रह्माकुमारी में सिखाई जाती है। हमारा जो भी ज्ञान है वह विश्व को सुख देने के लिए है। मीडिया का भारतीयकरण और समाज का अध्यात्मीकरण ही हमारे संकटों का समाधान करेगा। हमारा संचार संवाद के लिए है, विवाद या वितंडावाद के लिए नहीं। हमें दूसरों को दोष देना बंद करना होगा। खुद समस्याओं का समाधान ढूंढना होगा।
इन्होंने भी व्यक्त किए विचार –
– संयुक्त मुख्य प्रशासिका एवं ज्ञान सरोवर की निदेशिका राजयोगिनी बीके स्वदेश दीदी ने कहा कि भारत पुण्य भूमि, स्वर्णिम भारत कहलाता था। हमें अपने कर्मों से फिर से वही भारत लाना है। हम सभी आत्माएं इस शरीर रूपी रथ के राजा है।
– मल्टीमीडिया के निदेशक बीके करुणा भाई ने कहा कि आपका पेशा जवाबदारी का है इसलिए आपका समाज के प्रति अधिक दायित्व है। जब आप स्वयं मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ रहेंगे तो समाज के लिए बेहतर कर पाएंगे। इस दौरान राष्ट्रीय संयोजिका बीके सरला आनंद बहन, पूर्व कुलपति मानसिंह परमार, यूके से आए लेखक नेविले होड़ीगसन, राष्टीय संयोजक बीके सांतानु भाई ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
स्वागत सत्र
आपकी लेखनी से समाज को नई दिशा मिले
शाम को आयोजित स्वागत सत्र में ब्रह्माकुमारीज़ के मुंबई घाटकोपर सबजोन की निदेशिका डॉ. राजयोगिनी नलिनी दीदी ने कहा कि हमारे मीडिया के भाई-बहन सबसे महत्वपूर्ण सेवा करते हैं। आप सभी विशेष हो, आपकी सेवा विशेष है। ब्रह्माकुमारीज़ का मकसद है आप सभी को परमात्मा, प्रभु के समीप ले जाना। यही संस्थान का मुख्य उद्देश्य है। आप सभी अपनी लेखनी से ऐसा प्रकाश फैलाएं कि समाज को नई दिशा और प्रेरणा मिले। हमारी जो वास्तविक पहचान है वह किसी को नहीं दिखाई देती है। वास्तविकता में हम सभी ज्योति स्वरूप आत्मा हैं। यह शरीर तो कर्म करने का साधन है। परमपिता शिव परमात्मा भी ज्योतिर्बिंदु स्वरूप हैं।
आत्मा का कोई धर्म नहीं होता है-
मीडिया विंग के उपाध्यक्ष बीके आत्म प्रकाश भाई ने कहा कि आज जिस तेजी से दुनिया में दुख, अशांति बढ़ रही है, इसका मुख्य कारण है पांच विकार- काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार। देह अभिमान के कारण यह सभी विकार बढ़ रहे हैं। दुनिया की सारी समस्याओं की जड़ देह अभिमान ही है। जब हम देही अभिमान बनते हैं तभी परमात्मा की अनुभूति होती है। ब्रह्माकुमारीज़ का पहला लेशन है कि हम सभी आत्मा हैं। आत्मा का कोई धर्म नहीं होता है। हम सभी एक ही परमपिता शिव परमात्मा की संतान हैं। राष्ट्रीय संयोजक बीके शांतानु भाई ने स्वागत भाषण देते कहा कि आप सभी का परमात्मा के घर में स्वागत है। चार दिन तक आप सभी यहां के आध्यात्मिक वातावरण का लाभ लें और यहां से ज्ञान और शांति से भरपूर होकर जाएं।
राष्ट्रीय संयोजक बीके निकुंज भाई ने कहा कि आप सभी मीडिया के भाई-बहन अपने घर में, परमात्मा के घर में आए हैं। ज्ञान सरोवर से ज्ञान की झोली भरकर जाएं। यहां से खुशी, शांति लेकर जाएं जो आपके जीवन में हमेशा के लिए यादगार बन जाएगी। मीडिया विंग द्वारा पिछले तीन दशकों से भारत सहित विश्वभर के अनेक देशों में मीडिया सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। इन सम्मेलनों का मकसद है मीडियाकर्मियों के जीवन में सुख, शांति और खुशी लाना है। वलसाड़ से आईं जोनल संयोजक बीके रंजन दीदी ने राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से मीडियाकर्मियों को गहन शांति की अनुभूति कराई।