रायपुर/ 28 मई 2024। युवाओं से रोजगार के नए अवसर और सरकारी नौकरी देने का झांसा देकर सत्ता में आई विष्णुदेव सरकार 5 महीनों में ही बेहद अलोकप्रिय हो चुकी है। भारतीय जनता पार्टी के द्वारा अपने घोषणा पत्र में अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण की बात कही गई थी अब उन्हें निकालने की प्रक्रिया कई विभागों में चालू हो चुकी है। 16000 करोड़ का नया कर्ज लेने के बावजूद कर्मचारियों के वेतन के लाले पड़ रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में 33000 से ज्यादा शिक्षकों की सीधी भर्ती का झांसा देने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और विष्णुदेव साय सरकार की अकर्मण्यता के चलते तीन हजार से अधिक शिक्षकों की लगी लगाई नौकरी संकट में पड़ गई है। समय रहते उच्च न्यायालय के समक्ष सही तथ्य नहीं रख पाने और सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने में भाजपा सरकार द्वारा कोताही बरतने के चलते हजारों परिवारों के सामने जीवन यापन की समस्या उत्पन हो गई है। पीड़ित और प्रभावित परिवार भाजपा की सरकार को कभी माफ नहीं करेगी।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा सरकार युवाओं को गुमराह कर रही है। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार में लाखों शिक्षाकर्मियों को नियमित शिक्षक बनाया गया, 26 हजार 989 नियमित पदों पर शिक्षकों की नई भर्तियां की गई, पहले 124580 फिर 10834। 2018 से 2023 तक बिना किसी व्यवधान के हर साल पीएससी की भर्तियां हुई। स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टर, नर्स, तकनीशियन और सहायकों के 4 हजार से ज्यादा नियमित पदों पर भर्तियां हुई। वन विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, महिला एवं बाल विकास सहित लगभग सभी विभागों में नियमित पदों पर भर्तिया की गई। आंगनवाड़ी सहायिका, कार्यकर्ता और अनियमित कर्मचारियों के वेतन में एक मुश्त बढ़ोतरी की गई। लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार आते हैं छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से नियमित पदों पर भर्तिया रोक दी गई है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की साय सरकार आने के बाद वर्षों से कार्यरत अनियमित कर्मचारियों को आवश्यकता नहीं होने या बजट का अभाव बताते हुए अनेकों विभाग में कर्मचारियों की छटनी की जा रही है। अनियमित, प्लेसमेंट, संविदा, दैनिक वेतन भोगी, मानदेय, जॉबदर, अंशकालिक, श्रमिक दर, ठेका, छटनी कर्मचारी/ अधिकारी और उनके परिजनों को विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेताओं ने गुमराह किया, अब सरकार में आकर छटनी कर रहे हैं। साय सरकार आने के बाद से कई विभागों के अनियमित कर्मचारियों का वेतन भुगतान रोक दिया गया है। बेरोजगारी, आर्थिक असुरक्षा, पारिवारिक जिम्मेदारी और प्रशासनिक दबाव के कारण यह अनियमित कर्मचारी अपने विरुद्ध हो रहे अन्य को चुपचाप सहने मजबूर हैं। भारतीय जनता पार्टी की सहायक सरकार युवाओं पर दमन करना छोड़ नियमित भर्ती करे, बेरोजगारी भत्ता दे और अनियमित कर्मचारी की समस्या पर तत्काल संज्ञान ले।