रायपुर/12मई 2024। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार के प्रधानमंत्री आवास के मकानों की संख्या को स्वीकृति ही नही दिया है। राज्य सरकार खुद ही संख्या की घोषणा कर अपनी पीठ थपथपा रही है। कांग्रेस मांग करती है कि सरकार के दावों में सच्चाई है तो स्वीकृत आवास हीनों के नाम सार्वजनिक किया जाये। मोदी सरकार बताये 18 आवासों में से कितने आवास केंद्र स्वीकृत किया? मोदी सरकार ने राज्य के 18 लाख आवासों में से 1 मकान की भी स्वीकृति नहीं दिया।
18 लाख प्रधानमंत्री आवास का दावा करने वाली भाजपा सरकार ने अभी तक एक भी हितग्राही के खाते में एक रू. भी नहीं डाला है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा सरकार के प्रधानमंत्री आवास केवल सरकारी विज्ञापनों और होर्डिंग में ही दिखते रहे है, हकीकत में भाजपा सरकार के आने के बाद एक भी हितग्राही के लिये आवास स्वीकृत नहीं हुआ है। पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश सरकार ने आवासहीनों के खाते में पहली किश्त डाली थी। उसके बाद भाजपा सरकार ने एक भी रू. नहीं भेजा है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जिस तरह से 2 करोड़ रोजगार हर साल, 100 दिन में महंगाई कम करने और हर खाते में 15-15 लाख रुपए आने का वादा जुमला साबित हुआ, उसी तरह से विधानसभा चुनाव के मोदी की गारंटी के नाम पर किए गए दावे भी जुमले साबित हुए हैं। पीएम आवास योजना 2015 में लागू हुई तब केंद्र और राज्य दोनों जगह बीजेपी की सरकार थी। 2011 के जनगणना को आधार मानकर छत्तीसगढ़ के लिए कल 18 लाख आवास का लक्ष्य तय किया गया था। 2015 से 18 तक रमन सरकार के दौरान मात्र 237000 ग्रामीण पीएम आवास तथा 19000 शहरी पीएम आवास बने। 2018 से 23 तक भूपेश सरकार ने 10 लाख से अधिक पीएम आवास बनाएं। शेष लगभग 7 लाख आवास बनाने के लिए भूपेश बघेल सरकार ने विगत बजट में 3234 करोड़ का प्रावधान किया तथा 7 लाख आवासहीनो के लिये मकान बनाने के लिये पहली किश्त अक्टूबर में ही भूपेश सरकार ने डाल दिया था। साय सरकार बताये वह किन 18 लाख लोगों को आवास देने का दावा कर रही है।